इस लेख में हम आपको आरंभ है प्रचंड (Aarambh hai Prachand) गीत बताएंगे। दोस्तों, यहां आपको आरम्भ है प्रचण्ड गीत अर्थ के साथ (Aarambh hai Prachand Lyrics Meaning in Hindi) बताएंगे।
यह लेख उन लोगों की मदद कर सकती है, जो Aarambh hai Prachand Lyrics जानना चाहते है। तो इस आरम्भ है प्रचण्ड श्लोक अर्थ के साथ (Aarambh hai Prachand Meaning in Hindi) लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
आरंभ है प्रचंड लिरिक्स – Aarambh Hai Prachand Lyrics
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड, आज ज़ंग की घड़ी की तुम गुहार दो…
आन बान शान या कि जान का हो दान आज इक धनुष के बाण पे उतार दो…
आरम्भ है प्रचण्ड…
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले, वही तो एक सर्वशक्तिमान है…
कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है…
कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो जो लड़ सका है वो ही तो महान है…
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं, क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो…
मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें, ये जा के आसमान में दहाड़ दो…
आरम्भ है प्रचंड…
वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव, या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो…
या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल, लाल यह गुलाल तुम ये सोच लो…
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि केसरी हो ताल तुम ये सोच लो…
जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत, उस कवि को आज तुम नकार दो…
भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज, आग की लपट का तुम बघार दो…
आरम्भ है प्रचंड…
आरंभ है प्रचंड लिरिक्स का हिंदी अर्थ – Aarambh Hai Prachand Lyrics in Hindi
आरम्भ है प्रचण्ड, बोले मस्तकों के झुंड…
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो…
शुरुआत बहुत भयंकर है, सभी मस्तक बोल रहे हैं…
आज युद्ध के समय तुम रक्षा करो…
आन बान शान या कि जान का हो दान…
आज इक धनुष के बाण पे उतार दो…
अपना सम्मान, प्रतिष्ठा, गौरव यहाँ तक कि जान का भी दान देना पड़े…
आज इन सब की ताक़त अपने धनुष में चढ़े तीर पर केंद्रित कर दो…
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले…
वही तो एक सर्वशक्तिमान है…
जो अपनी इच्छा से प्राण दे और अपनी इच्छा से प्राण ले…
वो ही सर्वशक्तिमान होता है…
कृष्ण की पुकार है, ये भागवत का सार है…
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है…
भगवान श्री कृष्ण की पुकार है, ये भागवत गीता का मूल कहता है…
कि युद्ध ही तो वीरता का प्रमाण है…
कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो…
जो लड़ सका है वो ही तो महान है…
चाहे कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का स्थान हो…
जिसमें लड़ने की हिम्मत है वो ही महान है…
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं…
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो…
अगर किसी में जीत की भुख न हो, किसी पर नियंत्रण न रख सको…
तो ये जीवन कोई काम की नहीं इसे समाप्त कर दो…
मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें…
ये जा के आसमान में दहाड़ दो…
अगर मौत सफर का आखिर नही है, तो इस मौत से डरना क्यों…
ये बात सारे पूरी दुनिया में गूंजा दो…
वो दया का भाव, या कि शौर्य का चुनाव…
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो…
दया दिखानी है, या पराक्रम दिखाना है ये तुम स्वयं चुनो…
या फिर ये सोच लो कि क्या तुम्हे हारने का दुःख को सहना है…
या कि पूरे भाल पे जला रहे विजय का लाल…
लाल यह गुलाल तुम ये सोच लो…
तुम्हारे तीर की नोक पर जीत की लाल रंग चढ़ा रहे…
सोच लो कि क्या तुम्हें ये लाल गुलाल चाहिए…
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो या कि केसरी हो ताल तुम ये सोच लो…
तुम सोचो की तुम्हारा रंग केसरी हो या जीत के नगाड़े केसरी हों या हथेली केसरी हो…
जिस कवि की कल्पना में, ज़िन्दगी हो प्रेम गीत…
उस कवि को आज तुम नकार दो…
जो कवि अपनी कविताओं में कहता है कि जीवन प्यार भरा गीत है
तुम उस कवि को दरकिनार करो…
भीगती मसों में आज, फूलती रगों में आज…
आग की लपट का तुम बघार दो…
भीगते – जोश से भरी नसों में आज तुम…
आग की लपटें फैला दो…
आरम्भ है प्रचंड…
शुरुआत भयंकर है
Aarambh Hai Prachand Meaning in Hindi – आरंभ है प्रचंड गीत हिंदी में
शुरुआत बहुत भयंकर है, सभी मस्तक बोल रहे हैं…
आज युद्ध के समय तुम रक्षा करो…
अपना सम्मान, प्रतिष्ठा, गौरव यहाँ तक कि जान का भी दान देना पड़े…
आज इन सब की ताक़त अपने धनुष में चढ़े तीर पर केंद्रित कर दो…
जो अपनी इच्छा से प्राण दे और अपनी इच्छा से प्राण ले…
वो ही सर्वशक्तिमान होता है…
भगवान श्री कृष्ण की पुकार है, ये भागवत गीता का मूल कहता है…
कि युद्ध ही तो वीरता का प्रमाण है…
चाहे कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का स्थान हो…
जिसमें लड़ने की हिम्मत है वो ही महान है…
अगर किसी में जीत की भुख न हो, किसी पर नियंत्रण न रख सको…
तो ये जीवन कोई काम की नहीं इसे समाप्त कर दो…
अगर मौत सफर का आखिर नही है, तो इस मौत से डरना क्यों…
ये बात सारे पूरी दुनिया में गूंजा दो…
दया दिखानी है, या पराक्रम दिखाना है ये तुम स्वयं चुनो…
या फिर ये सोच लो कि क्या तुम्हे हारने का दुःख को सहना है…
तुम्हारे तीर की नोक पर जीत की लाल रंग चढ़ा रहे…
सोच लो कि क्या तुम्हें ये लाल गुलाल चाहिए…
तुम सोचो की तुम्हारा रंग केसरी हो या जीत के नगाड़े केसरी हों या हथेली केसरी हो…
जो कवि अपनी कविताओं में कहता है कि जीवन प्यार भरा गीत है
तुम उस कवि को दरकिनार करो…
भीगते – जोश से भरी नसों में आज तुम…
आग की लपटें फैला दो…
शुरुआत भयंकर है…
FAQs
आरंभ है प्रचंड गाना के सिंगर कौन है?
उत्तर – Aarambh Hai Prachand गाना के गायक पीयूष मिश्रा हैं।
Aarambh Hai Prachand Lyrics किसने लिखे हैं?
उत्तर – आरंभ है प्रचंड लिरिक्स की भी पीयूष मिश्रा ने ही लिखे है।
आरंभ है प्रचंड किस फ़िल्म का गाना है?
उत्तर – आरंभ है प्रचंड गुलाल नामक फिल्म का गाना है।
यह भी पढ़ें –
- अहिंसा परमो धर्म पूरा श्लोक अर्थ के साथ (Ahinsa Parmo Dharma)
- शिव चालीसा (Shiv Chalisa) – Shiva Chalisa Lyrics
- तथास्तु का अर्थ क्या होता है? – Tathastu meaning in Hindi
Conclusion
तो दोस्तो हमें उम्मीद है, हमने जो आपको आरंभ है प्रचंड (Aarambh hai Prachand Lyrics) बताई है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें, ताकी वो लोग भी Aarambh Hai Prachand Meaning in Hindi क्या होता है यह जान पाए।
यदि आपका इस Aarambh hai Prachand Lyrics Hindi (आरंभ है प्रचंड लिरिक्स) या Aarambh hai Prachand Lyrics in Hindi लेख से जुड़े किसी भी तरह का सुझाव या प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।