जो कैंडिडेट सिविल सेवा परीक्षा को पास करके IAS बनते हैं, या फिर राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास करके PCS बनते हैं उन्हें DM बनाकर जिले की सुरक्षा और उसके विकास की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है।
दोस्तों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र DM ऑफिसर बनने के सपने देखते हैं लेकिन कई बार जानकारी के अभाव के कारण उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आज हम आपके लिए एक ऐसी पोस्ट लेकर आए जिसे पढ़कर आप DM ऑफिसर के बारे में सारी जानकारी हासिल कर पाएंगे।
DM का फुल फॉर्म – DM Full Form
DM का फुल फॉर्म होता है “District Magistrate” जिन्हे हिंदी में “जिला मजिस्ट्रेट” कहते हैं। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक महत्वपूर्ण पद होता है इस पद पर बैठे आधिकारी ऊपर जिले का संपूर्ण भार होता है।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट महत्वपूर्ण विभागों विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस और राजस्व (Revenue) से संबंधित मामलों को देखती है। यह पद भारतीय संसद द्वारा तैयार किया गया हैं, ताकि जिले के महत्वपूर्ण विभागों की देखभाल हो सके। DM के पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) या प्रदेश प्रशासनिक सेवा (PCS) से कैंडिडेट चुनकर आते हैं।
DM (डीएम) | District Magistrate |
DM Full Form in Hindi | जिला मजिस्ट्रेट |
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DM क्या होते है? – DM Kya hota Hai
DM यानी जिलाधिकारी को भारत में एक प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी दर्जा प्राप्त है। DM ऑफिसर के अंतर्गत ही जिले में अन्य विभागों में तैनात पदों के अधिकारी भी काम करते हैं। अस्पताल,शिक्षा विभाग हो या फिर पुलिस का विभाग सभी को काम करने के लिए DM से परमिशन लेना जरूरी होता है।
एक DM ऑफिसर मुख्य उद्देश्य होता हैं कि वह जिले में शांति, सुरक्षा और विकास को तक लेकर जाए और सरकारी योजनाओं के लाभ को जनता तक पहुंचाने के लिए भी काम करें। DM ऑफिसर सामाजिक न्याय के लिए भी जिम्मेदारी लेते हैं।
DM बनने के लिए योग्यता – DM ki taiyari kaise kare
डीएम बनने के लिए कैंडिडेट में निम्नलिखित योग्यताओं का होना आवश्यक है-
नागरिकता – कोई भी कैंडिडेट जो डीएम बनना चाहता है उसके पास भारत की नागरिक का होना आवश्यक है।
शिक्षा – कैंडिडेट के बैचलर्स डिग्री होनी चाहिए। इसलिए डीएम बनने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से बैचलर की डिग्री प्राप्त करें।
आयु सीमा – डीएम बनने के लिए कैंडिडेट की उम्र निर्धारित आयु सीमा के अनुसार होनी चाहिए। आम तौर पर, डीएम बनने के लिए उम्र 21 से 32 वर्ष के बीच की आयु को वरीयता दी जाती है।
शारीरिक और मानसिक योग्यता – DM पद के अधिकारियों का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है क्योंकि यह पद बेहद जिम्मेदारियों से भरा होता है।
DM बनने के लिए परीक्षा – DM Kaise Bane
DM के पद की नियुक्ति के लिए UPSC प्रतिवर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करवाती है,
सिविल सेवा परीक्षा में जिन कैंडिडेट की रैंक 100 के अंदर हो वे IAS रैंक के अधिकारी बनते हैं, और DM का पद IAS ऑफिसर की रैंक से ही प्राप्त किया जाता है।
सिविल सेवा की परीक्षा के तीन भाग हैं,
- प्रारंभिक परीक्षा (Pre exam)
- मुख्य परीक्षा (Mains exam)
- इंटरव्यू (Interview)
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination)
इस परीक्षा में दो विषयों के पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन( general studies) और CSAT (civil service aptitude test)।
आयोग द्वारा पेपर-II के रूप में जाना जाने वाला यह पेपर क्वालिफायिंग नेचर का होता हैं, जिसमे कैंडिडेट को 33% मार्क्स लाने जरूरी होते हैं।
प्रारम्भिक परीक्षा 400 अंकों की होती है, जिसमे GS 200 अंक और CSAT भी 200 अंक का होता हैं।
Syllabus of pre examination
Paper -1( general studies) | Paper-2(CSAT) |
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Current affairs (वर्तमान में चल रही देश-विदेश की घटनाएं) | Comprehension (तार्किक क्षमता) |
Indian history ( भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं इतिहास) | तार्किक और विश्लेषात्मक कौशल (Logical and Analytical Skills) |
Indian and world geography (भारत एवं विश्व भूगोल) | सामान्य मानसिक क्षमता |
Economics and political development (आर्थिक और सामाजिक विकास) | निर्णय शक्ति और समस्या सुलझाने की क्षमता |
Indian polity and constitution (भारत की राजव्यवस्था और संविधान) | सामान्य गणित (दसवीं कक्षा तक का) |
Environment ( पर्यावरण) | कुल अंक -200 Evaluation – (qualifying nature) |
कुल अंक – 200 Evaluation (merit based) |
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मुख्य परीक्षा (Main Examination)
इसमें उन कैंडिडेट को सेलेक्ट किया जाता है जो प्रारंभिक परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं। मुख्य परीक्षा में नौ पेपर होते हैं और यह पेपर अलग अलग विषयों से आते हैं।
9 विषयों में 4 पेपर general studies, 2 पेपर भाषा के ,2 पेपर ऑप्शनल विषय और 1 पेपर निबंध का आता है। मेंस में कुल 1750 अंक होते हैं क्योंकि भाषा के दोनों ही पेपर के अंक फाइनल मेरिट में नहीं जुड़ते हैं।
Syllabus of main examination
Paper 1 essay (निबंध) | अलग अलग महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध | 250 अंक |
Paper 2 general studies l | भारतीय संस्कृति, भूगोल और विश्व इतिहास | 250 अंक |
Paper 3 general studies ll | न्याय ,शासन, संविधान, राजनीति और इंटरनेशनल रिलेशन | 250 अंक |
Paper 4 general studies lll | प्रोद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विभिन्नता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन | 250 अंक |
Paper 5 general studies IV | ईमानदारी, आचार-विचार और कौशल | 250 अंक |
Paper 6 ऑप्शनल l | कैंडिडेट द्वारा चुना गया विषय | 250 अंक |
Paper 7 ऑप्शनल ll | कैंडिडेट द्वारा चुना गया दूसरा विषय | 250 अंक |
Paper 8 – (भाषा) | कैंडिडेट द्वारा चुनी गई भाषा | 300 अंक |
Paper 9 – (भाषा) | अंग्रेजी भाषा का पेपर | 300 अंक |
इंटरव्यू (Interview)
मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू में कैंडिडेट की communication skill, decision making skill और पर्सनालिटी की जांच की जाती है, उनसे सामान्य अध्ययन के प्रश्न मौखिक रूप से पूछे जाते हैं।यह देखा जाता है कि क्या वह जिले की जिम्मेदारी को संभालने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं अथवा नहीं। इंटरव्यू के लिए 275 अंक निर्धारित हैं।
परीक्षा का नाम | अंक |
---|---|
Interview (साक्षात्कार) | 275 |
DM पद से जुड़ी हुई जिम्मेदारियां
एक कैंडिडेट कड़ी मेहनत के बाद DM का पद प्राप्त करता है इस पद से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निम्न है –
न्यायिक प्रक्रिया – DM जिले में न्यायिक प्रक्रिया के प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं और अपराधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा कर उन्हें सजा दिलाने तक की जिम्मेदारी जिले के मुखिया DM की ही होती हैं।
प्रशासनिक कार्य – DM को जिले में जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के प्रबंधन और संचालन के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी भी लेनी होती है।
विकास कार्य – DM जिले के विकास कार्यों का निरीक्षण करते हैं और सरकारी योजनाओं को लागू करने में सहायता करते हैं, सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभ सभी तक पहुंचे इसकी जिम्मेदारी DM की ही होती है।
चुनाव प्रबंधन – DM सभी स्तर पर हो रहे चुनावों का प्रबंधन करते हैं और चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करते हैं, क्षेत्र में मतदान में कोई बाधा ना आए इसके लिए DM को सभी महत्वपूर्ण फैसले लेने का अधिकार होता है।
DM (डीएम) की सैलरी एवं सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य सुविधाएं
एक DM को लगभग 56100 से 250000 रुपये प्रतिमाह का वेतन दिया जाता है, और उसके कार्यकाल के दौरान आवास भी प्रदान किया जाता है। आवास में खाना बनाने के लिए कुक, सुरक्षा गार्ड की भी नियुक्ति की जाती है। इसके अलावा सरकार उन्हें काम करने के लिए गाड़ी भी देती है और गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर भी होते हैं।
कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद जब DM सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें पेंशन की सुविधा दी जाती है।
Conclusion
तो दोस्तो हमने जो DM कैसे बने (DM kaise Bane) इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी डीएम (DM) कैसे बना जा सकता है एवं DM Full Form आदि जान पाए।
यदि आपका इस DM कैसे बने (DM kya hota Hai) या DM Full Form लेख से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।