दोस्तो देश में कानून व्यवस्था की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग की संरचना की गई है, इन्हीं पुलिस विभाग में अलग-अलग पदों पर अधिकारियों का चयन किया जाता हैं। पुलिस विभाग का सबसे बड़ा और वरिष्ठ पद DGP का होता है जिन्हें हिंदी में पुलिस महानिदेशक कहा जाता है, ये पुलिस विभाग के सबसे वरिष्ठ अधिकारी माने जाते हैं।
जो छात्र पुलिस बनना चाहते हैं उनके लिए DGP का पद काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस पद को अच्छी सैलरी, सरकारी सुविधाएं और इसके साथ साथ पावर भी दी जाती हैं।
हालांकि DGP एक ऐसा पद है जिसे आप डायरेक्ट परीक्षा देकर प्राप्त नहीं कर सकते। इसके लिए आपको पुलिस विभाग में कई सालों तक काम करना पड़ेगा और अलग-अलग पदों पर कार्य करते हुए जब अनुभव प्राप्त हो जाएगा तब जाकर आप को DGP बनाया जायेगा। आइए जानते हैं कि DGP क्या होता है और इस पद को कैसे प्राप्त किया जाता है।
DGP का फुल फॉर्म – DGP Full Form
DGP का फुल फॉर्म “Director General of Police” होता है। यह पुलिस में एक high level का पद माना जाता है,जो भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जिम्मेदारी उठाते हैं।
DGP एक ऐसा पद हैं जो भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) के सदस्यों में से चुने गए अधिकारी को ही बनाया जाता हैं। इसे प्रशासनिक और कमांड का पद भी कहते हैं क्योंकि इस पद पर बैठे अधिकारी की जिम्मेदारी पुलिस स्टेशनों, जिलों, और डिपार्टमेंट के मैनेजमेंट और कंट्रोलिंग का भी होता है ।
DGP (डीजीपी) | Director General of Police |
DGP Full Form in Hindi | पुलिस महानिदेशक |
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DGP क्या होता हैं? – DGP kya hota Hai
DGP पुलिस विभाग में एक सरकारी पद होता है जो किसी राज्य या क्षेत्र में पुलिस विभाग के instruction और administration के लिए जिम्मेदार होता हैं।DGP राज्य पुलिस सेवा (State Police Service) में सबसे बड़े और सीनियर अधिकारी माने जाते हैं।
ये अधिकारी लॉगिस्टिक्स, क़ानूनी और प्रशासनिक कार्यों को देखते हैं हैं, और सुरक्षा करने और अपराध रोकने के लिए expert होते हैं।
DGP को राज्य सरकार नियुक्त करती है और इन अधिकारियों के पास पुलिस विभाग के सभी पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति, प्रमोशन और प्रशासनिक कार्यों को ठीक ढंग से सम्पन्न कराने की अधिकार होता है।
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DGP कैसे बनें – DGP Kaise Bane
DGP बनने के लिए डायरेक्टली कोई एग्जाम नहीं होता है बल्कि छात्र UPSC पर आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा को पास करते हैं और IPS बनते हैं। उन्हें ही प्रमोट करके DGP बनाया जाता है।
सिविल सर्विस की परीक्षा पास किए हुए कैंडिडेट निम्न पदों को प्राप्त करते हुए DGP बनाए जाते हैं-
- DSP (Deputy Superintendent of Police)
- ASP (Assistant Superintendent of Police)
- SP (Superintendent of Police)
- SSP (Senior Superintendent of Police)
- DIG (Deputy inspector general)
- IGP (Inspector General of Police)
- ADGP (Additional Director general of Police)
- DGP (Director General of Police)
DGP बनने के लिए योग्यता
शिक्षा – कैंडिडेट मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बैचलर डिग्री प्राप्त करनी चाहिए। कुछ राज्यों में DGP बनने के लिए मास्टर्स डिग्री की आवश्यकता भी हो सकती है।
उम्र – आपकी आयु सीमा अधिकारी बनने के लिए निर्धारित आयु सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए। यह आयु सीमा भी राज्य और क्षेत्रीय प्रशासन के निर्देशानुसार अलग-अलग हो सकती है।
फिजिकल फिटनेस – DGP ऑफिसर के पद के लिए अच्छी फिजिकल फिटनेस की आवश्यकता होती है। फिटनेस के टेस्ट दौड़, स्विमिंग, लंबाई, और eyesight test शामिल होते हैं, candidate इन सभी फिजिकल टेस्ट को पास करना होता है
DGP की तैयारी कैसे करें?
भारत में IPS अधिकारी के प्रमोशन से DGP के पद के लिए चयन होता है। यह परीक्षा आयोग UPSC द्वारा संचालित की जाती है। UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा का आयोजन करके IPS अधिकारियों का चयन करती है
आईपीएस बनने के लिए सिविल सेवा परीक्षा के तीन चरण बनाए गए हैं-
- प्रारंभिक परीक्षा (Pre exam)
- मुख्य परीक्षा (Mains exam)
- इंटरव्यू (Interview)
प्रारंभिक परीक्षा (Pre exam)
प्रारंभिक परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा का पहला स्टेज माना जाता है। इसके अंतर्गत दो पेपर कराए जाते हैं और दोनों ही पेपर बहुविकल्पीय प्रश्नों के होते हैं।
General studies और CSAT के 200-200 अंको के दो पेपर कराए जाते हैं। जहां general studies में इतिहास, भूगोल , राजनीति ,अर्थव्यवस्था ,संविधान और current affairs से प्रश्न आते हैं वही CSAT को क्वालीफाइंग नेचर में रखा गया है इसके अन्तर्गत comprehension, communication skill, interpersonal skill, analytics ability ,decision making logical reasoning से प्रश्न आते हैं।
प्रश्नपत्र | अंक |
---|---|
सामान्य अध्ययन (General studies) l | 200 |
सामान्य अध्ययन (general studies) ll | 200 |
मुख्य परीक्षा (Mains exam)
मुख्य परीक्षा में कैंडिडेट को 9 पेपर देने पड़ते हैं , जिसमें सामान्य अध्ययन के 4 पेपर होते हैं , सभी पेपरों के कुल अंक 250 रखे गए हैं।
2 पेपर optional subject के होते हैं, जिसमें छात्र को खुद अपने optional subject को सलेक्ट करना होता है। दोनों ही पेपर 250 अंकों के होते हैं।
1 पेपर निबंध यानी essay का होता है, जिसमें देश विदेश से संबंधित महत्वपूर्ण टॉपिक दे दिया जाता है और छात्र पर लिखते हैं। निबंध के पेपर का कुल अंक 250 रखा गया है।
और 2 पेपर language के होते हैं। जिसमें से एक language का एक पेपर English अनिवार्य होता है और language का दुसरा पेपर छात्र द्वारा चुनी गई भाषा के आधार पर होता है। भाषा के दोनों ही पेपर तीन 300 अंक के रखे गए हैं।
प्रश्नपत्र | अंक |
---|---|
सामान्य अध्ययन ( general studies) l | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) ll | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) lll | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) lV | 250 |
वैकल्पिक विषय (optional subject) l | 250 |
वैकल्पिक विषय( optional subject) ll | 250 |
निबंध (essay) का प्रश्नपत्र | 250 |
अंग्रेजी भाषा (अनिवार्य) l (प्राप्त अंक का चयन फाइनल मेरिट में नहीं होता है) | 300 |
भारतीय भाषा (अनिवार्य) II (प्राप्त अंक का चयन फाइनल मेरिट में नहीं होता है) | 300 |
इंटरव्यू (Interview)
इंटरव्यू 275 नंबर का होता है, जिसमें छात्र के व्यक्तिगत क्षमताओं की जांच की जाती है। इंटरव्यू पैनल जो प्रशासनिक सेवाओं से संबंध रखते हैं और उच्च स्तर के अधिकारी होते हैं वे कैंडिडेट से प्रश्न पूछते हैं और बातचीत करते हैं। इस बातचीत के दौरान कैंडिडेट का आत्मविश्वास देखा जाता है, और उसके ज्ञान को मौखिक तरीके से परखा जाता है।
IPS परीक्षा को पास करते हुए कैंडिडेट कई वर्षों तक प्रशासनिक विभाग में काम करते हैं और अंत में एक सीनियर अधिकारी के रूप में DGP का पद प्राप्त कर सकते हैं।
परीक्षा का नाम | अंक |
---|---|
Interview (साक्षात्कार) | 275 |
DGP के कार्य क्या होता है?
DGP (Director General of Police) का पद भारतीय पुलिस सेवा का एक सीनियर स्तर का अधिकारी होता हैं । सीनियर अधिकारी होने के नाते इनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी होती हैं।
DGP के कुछ मुख्य कार्य –
- DGP पुलिस विभाग के प्रशासन की हेड होती हैं। यह पुलिस विभाग के बजट से लेकर मैनेजमेंट तक सब कुछ कंट्रोल करते हैं।
- कानून व्यवस्था का निर्माण में DGP की अहम भूमिका होती है। कानून व्यवस्था बनाना उनकी रक्षा करना और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी DGP की ही होती हैं।
- नागरिक सेवा DGP का सबसे मुख्य काम होता हैं। नगरिकों की सेवा करने के लिए वे पुलिस का मैनेजमेंट करते हैं, यातायात के नियमों के लिए पुलिस सामाजिक सुरक्षा के लिए पुलिस को ड्यूटी देना इनका काम होता है।
- DGP के पास आपातकालीन प्रबंधन (emergency management)और सुरक्षा के लिए अधिकार होते हैं। वे अगर आपातकालीन परिस्थितियों में आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न सुरक्षा प्रोटोकॉल और कार्यक्रमों को एक्टिव कर सकते हैं, ताकि कानून व्यवस्था खराब ना हो।
DGP की सैलरी और सुविधाएं
एक डीजीपी अधिकारी की monthly सैलरी 2,25,000 रुपये तक हो सकती है, इसके अलावा उन्हे अच्छी आवास सुविधा, स्वास्थ्य बीमा, पेंशन योजना, वाहन सुविधा, सुरक्षा, और अन्य लाभ भी राज्य सरकार द्वारा दिए जाते हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद DGP अधिकारी को पेंशन व अन्य लाभ भी दिए जाते है।
Conclusion
तो दोस्तो हमने जो DGP कैसे बने (DGP kaise Bane) इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी डीजीपी (DGP) कैसे बना जा सकता है एवं DGP Full Form आदि जान पाए।
यदि आपका इस DGP कैसे बने (DIG kya hota Hai) या DGP Full Form लेख से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।