इस लेख मे हम आपको आलूबुखारा फल (Plum Fruit) के फायदे, उपयोग, नुकसान, खेती करने की विधि एवं आलूबुखारा फल से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर बताएंगे। यह लेख उन लोगों की सहायता कर सकती है, जो आलूबुखारा (Plum Fruit in Hindi) के बारे में संपूूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। हमें उम्मीद है आपको हमारा यह Plum in Hindi लेख जरूर पसंद आयेगा। तो चलिए इस Plum Fruit Information in Hindi लेख को शुरू करते है।
आलूबुखारा क्या है?- What is Plum in Hindi
आलूबुखारा (Alubukhara) एक बहुत ही स्वादिष्ट एवं रसदार फल है, जिसका वानस्पतिक नाम Prunus domestica है। इस फल में बहुत सारी उपयोगी एव फायदेमंद पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन, फाइबर, कार्वोहाडट्रेट आदि। आलूबुखारा फल के रंग की बात की जाए तो कई रंग के होते है पर सबसे अधिक बैंगनी एवं लाल रंग की आलूबुखारा की खेती की जाती है।
आलूबुखारा फल की उपज सबसे अधिक गर्मियों के मौसम में होती है। भारत में सबसे अधिक आलूबुखारा फल उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में होती है। तो चलिए अब आलूबुखारा के अन्य भाषाओं में किस नाम से जाना जाता है वो जानते है।
अन्य भाषाओं में आलूबुखारा फल के नाम – Plum in Hindi
भाषा | नाम |
अंग्रेजी | प्लम (Plum) |
हिंदी | आलूबुखारा |
संस्कृत | आल्लूक, रक्तफल |
गुजराती | आलूबुखारा |
तमिल | अलुप्पुक्काराप्लम |
तेलुगु | अलपागोडापाण्डु |
बंगाली | आलूबुखारा |
आलूबुखारा फल के शीर्ष उत्पादक देश – Top Plum Fruit Production Countries
देश (Top 10) | उत्पादन (टन) |
China | 6,791,974 |
Romania | 434,390 |
United States | 423,200 |
Serbia | 330,582 |
Iran | 298,893 |
Turkey | 291,934 |
Chile | 290,175 |
India | 269,467 |
Italy | 206,966 |
France | 205,031 |
आलूबुखारा खाने के फायदे – Benefit of Plum Fruit in Hindi
आलूबुखारा फल मे बहुत सारे गुणकारी पोषक तत्व होते है। अगर Plum Fruit को नियमित रूप से सेवन की जाए तो हमारी कई तरह की परेशानियां दूर हो सकती है। आलूबुखारा फल खाने से निम्न फायदे (Benefit) होते है –
1. कैंसर के लिए
आलूबुखारा में फाइबर, पॉलीफेनोल्स एवं एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व होते है, जो कैंसर की कोशिकाओं को पनपने से रोकने में मदद करती है। इसके अलावा बीटा कैरोटीन नामक तत्व होते है, जो ब्रेस्ट कैंसर को फैलने से रोकने में सहायता करते है। इसलिए हमें नियमित रूप से आलूबुखारा (Plum) का सेवन करना चाहिए।
2. हड्डियों के लिए
हम सब ये जानते है, कि कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती है। लेकिन आलूबुखारा मे कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। जो हमारी बोन मिनिरल डेंसिटी को सही करने के साथ साथ हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायता कर सकती है। अगर किसी व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित समस्या हो उन्हें अवश्य आलूबुखारा का सेवन करना चाहिए।
3. डायबिटीज के लिए
सूखे आलूबुखारे में बायोएक्टिव कंपाउंड नामक एक ऐसा तत्व होता है, जो शुगर की मात्रा को बढने से रोकने में सहायता कर सकता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से सलाह लेकर इसका सेवन अवश्य करना चाहिए। जिससे वो मीठा खाने का आनंद ले सकते है, बिना शुगर की मात्रा बढाएं।
4. हृदय के लिए
आलूबुखारा में बहुत सारे ऐसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पोषक तत्व होते है, जो ब्लड प्रेशर आदि जैसे हृदय संबंधी समस्या से बचाने में सहायता करते है। जिन्हें हृदय से जुड़ी समस्या हो उन्हे आलूबुखारा का सेवन जरूर करना चाहिए।
5. कोलेस्ट्रॉल के लिए
आलूबुखारा फल में फाइबर प्रचूर मात्रा में होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम या नियंत्रण करने में सहायता करती है। परिणामस्वरूप बिना किसी परेशानी से पाचन क्रिया किया जा सकता है। अगर किसी को कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्या हो उन्हें अवश्य आलूबुखारा फल का सेवन करना चाहिए।
6. कब्ज दूर करने के लिए
अगर किसी व्यक्ति को कब्ज या पेट से संबंधित कोई भी समस्या हो उसे आलू बुखारा का सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि आलूबुखारा में फाइबर, सोर्बिटोल, आइसटिन जैसे कई और ऐसे तत्व होते है, जो इन सभी पेट की समस्याओं से निजात पाने में सहायता कर सकती है।
7. इम्यूनिटी के लिए
आलूबुखारा फल में विटामिन A, विटामिन C, आयरन, पोटेशियम जैसे बहुत ही फायदेमंद पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है। यह सभी पोषक तत्व इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढाने में बहुत सहायता करते है। ये सभी तत्व हमारे शरीर के कोशिकाओं को ठीक एवं विकास करने में सहायता करते है। अगर कोई नियमित रूप से Plum Fruit का सेवन करें तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है।
8. आंखों के लिए
आलूबुखारा फल में विटामिन C, विटामिन E एवं फाइबर जेक्सनथिन जैसे तत्वों की बहुत अच्छी मात्रा होती है, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते है। ये तत्व आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी को मोतियाबिंद जैसी समस्या हो उनके लिए भी यह फायदेमंद साबित हो सकती है।
9. वजन कम करने के लिए
अगर कोई वजन बढने (मोटापे) की समस्या से परेशान हो, उसे अवश्य आलूबुखारा फल का सेवन करना चाहिए। क्योंकि प्लम में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम या न के बराबर होती है। जी वजन कम करने में काफी सहायता कर सकता है। इसलिए अगर कोई वजन बढने की समस्या से छुटकारा पाना चाहता हो उसे नियमित रूप से आलूबुखारा फल का सेवन करना चाहिए।
10. मस्तिष्क के लिए
कई वैज्ञानिक शोध से यह पता चला है कि आलूबुखारा फल मस्तिष्क के लिए बहुत ही लाभकारी है। आलूबुखारा में पॉलीफेनॉल्स कंपाउंड नामक एक ऐसी तत्व होती है, जो मनुष्य के मस्तिष्क के काफी फायदेमंद होती है। अगर कोई मस्तिष्क संबंधि समस्या से छुटकारा पाना चाहता हो उसे नियमित रूप से आलूबुखारा फल का सेवन करना चाहिए।
- आडू (Peach) फल के फायदे, नुकसान एवं अन्य सभी जानकारी
- ताड़गोला (Ice Apple) फल के फायदे, नुकसान एवं अन्य जानकारी
आलूबुखारा के पौष्टिक तत्व – Plum Nutritional Value in Hindi
पोषक | तत्व मूल्य प्रति 100 ग्राम |
ऊर्जा | 46 kcal |
पानी | 87.23 |
प्रोटीन | 0.70 g |
शुगर | 9.92 g |
कैल्शियम | 6 mg |
कार्बोहाइड्रेट | 14.42 g |
विटामिन सी | 9.5 mg |
मैग्नीशियम | 7 mg |
फाइबर | 1.4 g |
अल्फा-टोकोफेरॉल | 0.26 mg |
आयरन | 0.17 mg |
आलूबुखारा के उपयोग – How to Use Plum in Hindi
दोस्तों आलूबुखारा (Plum) फल को हम कई तरह से उपयोग कर सकते है, यहां हमने आपको कुछ उपयोग बताएं है। जो निचे निम्न है:-
- आलूबुखारा (Plum) फल का उपयोग आप अन्य फल की तरह सीधे काटकर खा एवं जूस बनाकर पी सकते है।
- आलूबुखारा का स्वाद बहुत ही खट्टा मीठा होता है, इसलिए आप इसका उपयोग चटनी के रूप में भी कर सकते है।
- इसका उपयोग कई तरह व्यंजन में सजावट के लिए डेजर्ट के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- आलूबुखारा (Plum) का उपयोग सलाद में भी की जाती है।
तो चलिए अब आलूबुखारा और सूखा आलूबुखारा के बीच के अंतर को देखते है।
आलूबुखारा और सूखा आलूबुखाराके बीच अंतर – Difference between Plum and Prunes
आलूबुखारा | सूखा आलूबुखारा |
आलूबुखारा एक गुठलीदार फल है, जो गूदे से भरा होता है। | सूखा आलूबुखारा भी गुठलीदार फल है, लेकिन यह सामान्य आलूबुखारा की तुलना में चिपचिपा होता है। |
सामान्य आलूबुखारा में विटामिन C प्रचुर मात्रा में होती है। | सूखा आलूबुखारा सामान्य आलूबुखारा की तुलना में अधिक मीठा होता है। |
सामान्य आलूबुखारा में कार्बोहाइड्रेट एवं कैलोरी की मात्रा कम होती है। | सूखा आलूबुखारा में कार्बोहाइड्रेट एवं कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। |
आलूबुखारा फल हर वर्ष मई से लेकर अक्टूबर तक Market में उपलब्ध रहता है। | सूखा आलूबुखारा बारहमासी फल है जो 365 दिन Market में उपलब्ध रहता है। |
आलूबुखारा का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। | सूखा आलूबुखारा में पानी की मात्रा ताजा आलूबुखारा की तुलना मे कम होती है, जिसका प्रमाण प्रति 100 ग्राम मे 30.92g होता है। |
ताजे आलूबुखारा में पानी की मात्रा अधिक होती है, जिसका प्रमाण प्रति 100 ग्राम मे 87.23g होता है। | सूखा आलूबुखारा में विटामिन C ताजा आलूबुखारा की तुलना में कम होता है। |
आलूबुखारा की विभिन्न किस्में – Plum Varieties
- लाल प्लम
- पीला प्लम
- सेन्टारोजा
- फर्स्ट प्लम
- स्टैनले प्लम
- विक्टोरिया प्लम
- ऐल्फा प्लम
- न्यू प्लम
- ट्रान्समपेरेन्ट गेज
- काला प्लम
- रामगढ़ मेनार्ड
- प्रसिडेन्ट प्लम
आलूबुखारा खाने के नुकसान – Side Effects of Plum Fruit in Hindi
आलूबुखारा बहुत पौष्टिक (Healthy) फल है। इसके बहुत सारे लाभ है परंतु इसके साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी है। जो निचे निम्न है –
- आलूबुखारा फल में पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है, अगर कोई अत्याधिक प्लम का सेवन करे तो शरीर में पोटैशियम की प्रमाण बढने से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- आलूबुखारा में ऑक्सलेट की भरपूर मात्रा होती है, जो पथरी जैसे समस्या से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही हानीकारण हो सकता है।
- इसके अलावा इस फल में लैक्सेटिव नामक तत्व होता है, जो पेट संबंधी कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए आलूबुखारा का सेवन अधिक मात्रा में नही करना चाहिए।
आलूबुखारा की खेती कैसे करें? – Plum Farming
दोस्तों अगर आप आलूबुखारा (Plum) की खेती करना चाहते है, तो नीचे बताए गए नियमों का पालन कर सकते है। तो चलिए जानते है आलूबुखारा के पेड़ कैसे लगाए :-
इस आलूबुखारा के पौधा लगाने के लिए सर्वप्रथम हमें एक सही जगह का चुनाव करना चाहिए। जो समुद्रतल से करीबन 1000 से 2500 मीटर तक के ऊंचाई होनी चाहिए एवं पानी निकलने की पूरी व्यवस्था भी होनी चाहिए। यह ऐसा पौधा है जो किसी भी तरह के मिट्टी में विकसित हो सकता है। लेकिन इस पौधे के लिए के लिए सबसे उचित मिट्टी दोमट मिट्टी होती है।
आलूबुखारा के पौधे ठंडी क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास करते है, इसके लिए सबसे उचित तापमान 5-20°C होती है। आलूबुखारा के खेती के लिए खाद के रूप में गोबर का उपयोग करना काफी अच्छा माना जाता है। आलूबुखारा के पौधा लगाने का सही समय जनवरी से अंतिम फरवरी या शुरुआती मार्च होती है।
FAQs (Plum Fruit से जुड़े प्रश्नों के उत्तर)
आलूबुखारा की तासीर क्या है?
उत्तर – यह गर्मियों के मौसम में खाया जानेवाल फल है, इसलिए इसकी तासीर ठंडी है।
प्लम (Plum) को हिंदी में क्या कहते हैं? Plum Fruit Meaning in Hindi
उत्तर – प्लम को हिंदी में आलूबुखारा एवं अलूचा कहते है।
आलूबुखारा (Plum) का वानस्पतिक नाम क्या है?
उत्तर – आलूबुखारा का वानस्पतिक नाम Prunus domestica है।
Conclusion
तो दोस्तो हमें उम्मीद है, हमने जो आपको आलूबुखारा फल के फायदे, उपयोग, नुकसान, खेती करने की विधि एवं अन्य जानकारी (Plum Fruit in Hindi) दी है वो आपको पसंद आई होगी।
अगर आपको Plum in Hindi लेख पसंद आई हो तो इसे दोस्तो एवं परिवार के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी आलूबुखारा फल के बारे मे अधिक जानकारी (Palm Fruit in Hindi) जान पाए।
यदि आपका इस आलूबुखारा फल की संपूर्ण जानकारी (Plum Fruit Information in Hindi) लेख से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।