SSP ki taiyari kaise kare – SP को पुलिस का उच्च अधिकारी माना जाता है, एक SP के ऊपर जिले की सारी सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। लेकिन SP से भी एक सीनियर अधिकारी होता है जिसे SSP कहा जाता है।
आमतौर पर जिले में SP जिले की देखभाल करते हैं लेकिन घनी आबादी वाले क्षेत्रों में और विभिन्न वातावरण (जैसे माओवादी, नक्सलवादी) वाले इलाकों में SP को सहायता देने के लिए SSP के पद को बनाया गया है।
सिविल सेवा की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों का सपना होता है कि वह SSP बने, लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में छात्र SP और SSP दोनों पदों में कंफ्यूज हो जाते हैं।
लेकिन हम आपको बता दें कि SP और SSP दोनों ही अलग-अलग पद हैं। दोस्तों ! आइए SSP ऑफिसर के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
SSP के फुल फॉर्म – SP Full Form
SSP का फुल फॉर्म होता है “Senior Superintendent of Police” और हिन्दी में इसे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कहा जाता है।
SSP अधिकारी के पद तक वही कैंडिडेट पहुंच सकता है जिसने आईपीएस की परीक्षा पास की हो। एक SSP जिले की पुलिस पावर का head instructor होता है। SSP के ऊपर पुलिस विभाग के प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी होती है। SSP के ऊपर इमरजेंसी या दंगो की स्थिति में लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी और कानून व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन की जिम्मेदारी होती है।
SSP (एसएसपी) | Senior Superintendent of Police |
SSP Full Form in Hindi | वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक |
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SSP क्या होते है? – SSP Kya hota Hai
SSP भारतीय पुलिस सेवा में उच्च स्तर का अधिकारी होता है और वह जिले की सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है। SSP पद को प्राप्त करने के लिए सिविल सेवा की परीक्षा देनी होती है।
कैंडिडेट जब आईपीएस ऑफिसर के रूप में कुछ साल काम कर लेते हैं तो प्रमोशन के द्वारा उन्हें SSP का पद मिलता है। SSP ऑफिसर DIG का जुनियर जबकि SP का सीनियर अधिकारी होता है।
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SSP बनने के लिए योग्यता
SSP ऑफिसर बनने के लिए कैंडिडेट को UPSC द्वारा निर्धारित सिविल सेवा परीक्षा की योग्यता को पूरा करना आवश्यक होता है –
- SSP बनने के लिए कैंडिडेट का मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक होना जरूरी है।
- स्नातक के लिए कोई स्ट्रीम नहीं निर्धारित है बल्कि B.a,b.sc,b.com या b. tech के छात्र भी SSP के लिए योग्य माने जाते हैं।
- SSP बनाने के लिए आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में कैंडिडेट की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। कैंडिडेट 32 वर्ष तक सिविल सेवा की परीक्षा दे सकते हैं।
- कैंडिडेट मूल रूप से भारत का नागरिक होना चाहिए।
- इसके अलावा वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। हालांकि सेवा परीक्षा के लिए दिव्यांग कैंडिडेट की अलग कैटेगरी बनाई गई है।
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SSP कैसे बने – SSP Kaise Bane
SSP ऑफिसर SP के सीनियर अधिकारी को कहते हैं , SSP बनने के लिए कैंडिडेट को कई वर्षों के सिविल सर्विस के अनुभव की आवश्यकता होती है।
सिविल सेवा परीक्षाओं को पास करने के लिए कैंडिडेट को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। निम्न तरीकों से आप सिविल सेवा की परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हैं।
- NCERT के किताबों की अच्छी नॉलेज -अगर आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले NCERT की किताबों से शुरुआत करें इससे आपका बेसिक क्लियर हो जाएगा।
- Current affair सिविल सेवा परीक्षा लिए काफी महत्वपूर्ण होता है इसलिए डेली न्यूज़पेपर जरूर पढ़ें।
- NCERT तैयार कर लेने के बाद मुख्य – मुख्य किताबों से तैयारी करें। जैसे आप polity के लिए लक्ष्मीकांत की किताब को तैयार कर सकते हैं।
- इसी तरह मार्केट में सिविल सेवा परीक्षाओं की अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग लेखकों की किताबें हैं, आप मार्केट जाए और अपनी भाषा और पसंद के अनुसार किताबे खरीदें।
- किताबों के डीप नॉलेज के लिए आप सबसे अच्छे स्रोत इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सेवा परीक्षा को पास करने के लिए आप कोचिंग भी ज्वाइन कर सकते हैं वहां पर आपको अच्छी गाइडेंस मिलेगी।
- और अगर आप सेल्फ स्टडी करना चाहते हैं तो internet और Youtube मदद से आसानी से सिविल सेवा परीक्षा को पास किया जा सकता है।
SSP बनने के लिए सिविल सेवा परीक्षा – SSP ki taiyari kaise kare
आप SSP बनने का सपना देख रहे हैं तो इसके लिए आपको 3 स्टेज से गुजारना पड़ेगा।
- प्रारंभिक परीक्षा (Pre exam)
- मुख्य परीक्षा (Mains exam)
- इंटरव्यू (Interview)
प्रारंभिक परीक्षा (Pre exam)
प्रारंभिक परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा पास करने में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यही वह पहली सीढ़ी है जिसे पार करके कैंडिडेट SSP के पद तक पहुंच सकते हैं।
इस परीक्षा में 2 पेपर होते हैं – General studies और CSAT
General studies और CSAT दोनों में ही बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं। GS में current affairs इतिहास और भूगोल से प्रश्न आते हैं। जबकि CSAT के पेपर को क्वालीफाई करना जरूरी होता है, कैंडिडेट को 33% अंक लाने जरूरी होते हैं।
प्रश्नपत्र | अंक |
---|---|
सामान्य अध्ययन (General studies) l | 200 |
सामान्य अध्ययन (general studies) ll | 200 |
मुख्य परीक्षा (Mains exam)
जो छात्र प्रारंभिक परीक्षा को पास कर लेते हैं वह मुख्य परीक्षा के लिए जाते हैं। मुख्य परीक्षा काफी बड़े स्तर पर कराई जाती है क्योंकि इसमें छात्र को कुल 9 पेपर देने पड़ते हैं। लगभग 1 हफ्ते तक चलने वाले इस परीक्षा में कैंडिडेट को general studies 4पेपर और 2 language के पेपर इसके अलावा, 2 पेपर वैकल्पिक विषयों के और 1 पेपर essay का देना होता है। मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक लिखने होते हैं।
प्रश्नपत्र | अंक |
---|---|
सामान्य अध्ययन ( general studies) l | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) ll | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) lll | 250 |
सामान्य अध्ययन (general studies) lV | 250 |
वैकल्पिक विषय (optional subject) l | 250 |
वैकल्पिक विषय( optional subject) ll | 250 |
निबंध (essay) का प्रश्नपत्र | 250 |
अंग्रेजी भाषा (अनिवार्य) l (प्राप्त अंक का चयन फाइनल मेरिट में नहीं होता है) | 300 |
भारतीय भाषा (अनिवार्य) II (प्राप्त अंक का चयन फाइनल मेरिट में नहीं होता है) | 300 |
इंटरव्यू (Interview)
मुख्य परीक्षा के बाद सबसे अंतिम स्टेज इंटरव्यू का होता है। 275 अंक वाले इंटरव्यू में कैंडिडेट के हाव-भाव और पर्सनालिटी को देखा जाता है। इसके अलावा उसके ज्ञान को मौखिक रूप से परखा जाता है।
जो भी साथ प्रारंभिक ,मुख्य और इंटरव्यू की परीक्षा को पास कर लेते हैं उन्हें सिविल सर्विस की ट्रेनिंग ले लिए LBSNAA भेजा जाता है।
परीक्षा का नाम | अंक |
---|---|
Interview (साक्षात्कार) | 275 |
SSP की सैलरी कितना होता हैं?
जब कैंडिडेट सिविल सेवा परीक्षा को पास करके आईपीएस अधिकारी बनता है तो उसे अलग पद के अधिकारियों के रूप में काम करना पड़ता है। जब वह अधिकारी SP ऑफिसर के पद तक पहुंचता है और उसके बाद उसका प्रमोशन करके उसे SSP बनाया जाता है तो उसे 1 लाख 18 हजार 500 रुपये का मूल वेतन दिया जाता है।
इसके अलावा SSP को रहने के लिए आवास और पेंशन , PF, मेडिकल जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं।
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SSP के काम और जिम्मेदारियां
SSP को सीनियर स्तर के अधिकारी के रूप में देखा जाता है इसलिए उनकी जिम्मेदारियां भी काफी ज्यादा होती है , एक SPP जिले के निम्नलिखित मामलों के लिए जिम्मेदार होता है –
- पूरे जिले के जनता की सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था को अपनी निगरानी में रखना।
- अपराधो को रोकने और जिले में हो रहे अपराधों के खिलाफ कार्यवाही करने का पूरा अधिकार।
- न्यायिक प्रक्रिया और कोर्ट मामलों के संबंध में पुलिस विभाग की सहायता।
- पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग और मैनेजमेंट करना।
- जनता के साथ मिलकर सुरक्षा और अपराध प्रबंधन सम्बन्धी मुद्दों को समझाना और समर्थन प्रदान करना।
- आपराधिक मामलों के विरुद्ध जनता को जागरूक करने के लिए अभियान और कैंप का आयोजन कराना।
Conclusion
तो दोस्तो हमने जो SSP कैसे बने (SSP kaise Bane) इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, वो आपको पसंद आई होगी। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी एसएसपी (SSP) कैसे बना जा सकता है एवं SSP Full Form आदि जान पाए।
यदि आपका इस SSP कैसे बने (SSP kya hota Hai) या SSP Full Form लेख से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।