Aster Flower in Hindi | एस्टर फूल एवं पौधे की संपूर्ण जानकारी

नमस्कार दोस्तों, इस लेख में हम आपके साथ एस्टर फूल की संपूर्ण जानकारी (Aster Flower in Hindi) साझा करेंगे। इस लेख में एस्टर फूल की महत्त्वपूर्ण जानकारी, एस्टर फूल की रोचक तथ्य, एस्टर का पौधा कैसे लगाए, एस्टर के पौधा का देखभाल कैसे करे एवं एस्टर फूल से जुड़े सभी प्रश्न के उत्तर आपको इस लेख में मिलेगी।

अगर आप एस्टर फूल से जुड़े जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। हमें उम्मीद है आपको हमारा यह Aster Flower Information in Hindi लेख जरूर पसंद आयेगा।

aster flower in hindi
Contents Show

Aster Flower Meaning in Hindi – एस्टर फूल का अर्थ

दोस्तों, इस फूल का नाम एक प्राचीन ग्रीक शब्द ἀστήρ (Astḗr) से ली गई है। जिसका अर्थ तारा (Star) होता है। इस फूल को यह नाम इसके तारो जैसे आकार के कारण दिया गया। ग्रीस के लोग इस फूल को बहुत पवित्र मानते है, कुछ पौराणिक बातो यह बताया गया कि ग्रीस के लोग पहले देवी-देवताओं को अर्पण किया करते हैं। इस फूल को प्यार, ज्ञान एवं विश्वास का प्रतिक माना जाता है।

एस्टर फूल की जानकारी – Aster Flower Information in Hindi

एस्टर फूल का वानस्पतिक नाम Asteraceae है। जो एक बारहमासी (वर्ष भर उत्पन्न होने वाला) फूल है, जो बैगनी, गुलाबी, सफ़ेद एवं लाल रंग के होते है। एस्टर फूल का आकार लगभग 1 से 2 इंच तक होता है। एस्टर फूल के पौधा की ऊंचाई लगभग 1-5 फीट एवं चौड़ाई 1-4 फीट तक होता है। एस्टर Daisy के परिवार से संबंधित फूल है। विश्व में एस्टर फूल की लगभग 180 विभिन्न प्रजातियां मौजूद है, जिनमे से अधिकतर प्रजातियां यूरेशिया एवं उत्तरी अमेरीका में उत्पन्न होती है। एस्टर का फूल देखने मे तारा (Star) की होती है।

एस्टर एक ऐसा फूल है जिसके पौधो की उपज आसानी से कही भी की जा सकती है। एस्टर फूल का उपयोग शुभ प्रसंग में सजावट में की जाती है, इसके अलावा इसका उपयोग गुलदस्ते के रूप में की जाती है। एस्टर फूल को कई और अन्य नामों से जाना जैसे Aster Patens, Michaelmas Daisies, Forest Flower, Aster Praeustus, न्यू इंग्लैंड एस्टर्स, फ्रॉस्ट फूल आदि। तो चलिए अब एस्टर फूल (Aster Flower in Hindi) की मुख्य जानकारी के बारे में जानते है।

एस्टर फूल की मुख्य जानकारी – Aster Flower in Hindi

वानस्पतिक नाम Symphyotrichum
परिवारAsteraceae
सामान्य नाम एस्टर्स, न्यू इंग्लैंड एस्टर्स, फ्रॉस्ट फूल
पौधे की लंबाई 1-5 फीट
पौधे की चौड़ाई 1-4 फीट
फूल का आकार 1-2 इंच
मिट्टी का प्रकार दोमट एवं सूखा
पौधे का प्रकार बारहमासी
फूल लगाने का समय ग्रीष्मकालीन
फूल का रंग बैंगनी, गुलाबी, नीला, सफेद
मूल उत्पादक क्षेत्र उत्तरी अमेरिका एवं यूरेशिया

एस्टर पौधे की प्रजातियां – Aster Flower Varieties

एस्टर फूल के विश्व मे लगभग 180 विभिन्न प्रजातियां है। जिनमें से हमने आपको सबसे अधिक प्रचलित प्रजातियों की जानकारी नीचे दी है, तो चलिए उनके बारे में जानते है।

Purple Cloud Aster (पर्पल क्लाउड एस्टर)

पर्पल क्लाउड एस्टर (Purple Aster) का वैज्ञानिक नाम Aster novae-angliae है। यह भी एक बारहमासी फूल है। इस प्रजाति के फूल का रंग बैंगनी होती है। इस प्रजाति के पौधों को अच्छी विकास के अधिक मात्रा मे प्रकाश (धूप) की आवश्यकता होती है।

New England Asters (न्यू इंग्लैंड एस्टर)

न्यू इंग्लैंड एस्टर प्रजाति के फूल (Aster) बहुत ही खुबसुरत होते है, इसका वैज्ञानिक नाम Aster novae-angliae हैं। यह मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका मे पाए जाते है। इस प्रजाति के फूल पतझड़ के मौसम में उगते है।

Purple Cloud Aster (पर्पल क्लाउड एस्टर)

पर्पल क्लाउड एस्टर का वैज्ञानिक नाम Aster novae-angliae है। यह भी अन्य एस्टर की प्रजाति की तरह एक बारहमासी फूल है। जो यूरेशिया एवं अमेरिका में मुख्यरूप से उत्पन्न होते है। इस प्रजाति के फूल बैंगनी रंग के होते है, जिनके मध्य भाग पीले रंग के होते है।

Wood’s Purple Aster (वुड्स पर्पल एस्टर)

वुड्स पर्पल एस्टर (Wood’s Purple Aster) भी एक बारहमासी फूल है, जिसका वैज्ञानिक नाम Aster novae-angliae है। इस प्रजाति के नाम से ही पता चल रहा है कि इसका रंग बैंगनी होती है। यह मुख्य रूप से उत्तरी यूरोप मे पाया जाता है।

New York Asters (न्यूयॉर्क एस्टर)

न्यूयॉर्क एस्टर के फूल बहुत ही आकर्षक होते है। इस प्रजाति का वैज्ञानिक नाम Aster novi-belgii है। यह फूल मुख्यरूप से अमेरिका मे पाया जाता है। इस प्रजाति के फूल को माइकलमास डेज़ी नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल का रंग सफ़ेद, गुलाबी एवं बैंगनी होते है। यह फूल मुख्यरूप से गर्मियों के मौसम में खिलते है।

Rosa Sieger Aster (रोजा सीजर एस्टर)

रोजा सीजर एस्टर का वैज्ञानिक नाम Aster novae-angliae है, जो न्यू इंग्लैंड एस्टर की एक किस्म है। Rosa Sieger Aster के फूल का रंग गुलाबी होता है। यह फूल मुख्यरूप से उत्तरी यूरोप मे पाया जाता है। इस किस्म के फूल के खिलने का समय सितम्बर से लेकर अक्टूबर के बीच है।

यह भी पढ़े :-

एस्टर फूल का लाभ एवं उपयोग – Aster Flower Benefits and Uses

एस्टर फूल कई लाभ एवं उपयोग है, जो नीचे निम्न हैः-

  • कई पुराने उपचार मे एस्टर फूल का श्वसन संबंधि बीमारियों के खिलाफ किया जाता हे।
  • कुछ लोग कुत्ते एवं सांप के काटने पर इसकी पत्तियों का उपयोग करते है। इस उपचार का कोई वैज्ञानिक तथ्य नही है।
  • एस्टर के पत्तियों में कई तरह के पोषक तत्व होते है जैसे थियामिन, विटामिन सी, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस आदि। जिनका उपयोग कई तरह की दवाइयां बनाने में की जाती है।

एस्टर के फूल कब लगाएं

एस्टर के फूल के पौधा लगाने का सबसे उत्तम समय जनवरी से लेकर अंतिम फरवरी तक है। एस्टर का पौधा का विकास गर्मी के मौसम या गर्म जलवायु में अच्छी तरह होता है। इस फूल के पौधा के लिए उचित तापमान 22-26°C है। अगर ठंडी जगह इसको उगाया जाए तो खराब हो सकता है। इसलिए इस पौधे की बीज को वसंत मे लगाया जाता है। चलिए अब एस्टर का पौधा लगाने की विधि जानते है-

Aster flower in hindi
Aster flower

एस्टर का पौधा कैसे उगाएं – How to Grow Aster Plant

एस्टर एक ऐसा फूल है जिसके पौधो की उपज आसानी से कही भी की जा सकती है। तो चलिए एस्टर का पौधा उगाने की विधि देख लेते है। एस्टर का पौधा उगाने के निम्न विधियों का पालन करना चाहिए, जो नीचे निम्न हैं :-

  • सर्वप्रथम इस पौधा को लगाने के लिए एक गमला या ग्रो बैंग में से किसी एक का चयन करें।
  • गमला या ग्रो बैंग का चयन करने के बाद अच्छी उपजाऊ मिट्टी को लें और उसमें थोड़ा अच्छी गुणवत्ता वाली उर्वरक एवं गोबर मिलाए।
  • मिट्टी में गोबर एवं उर्वरक का मिश्रण करने के बाद उस मिट्टी को कुछ घंटों सुखने के छोड़ दें।
  • उसके बाद गमला को आधा मिट्टी से भर दे, फिर उसमें एस्टर की बीज डाल दें।
  • बीज डालने के बाद गमला को ऊपर 2 से 3 इंच पानी डालने लायक जगह छोड़कर पूरा भर दें।
  • बीज को रोपने के बाद उसमें उचित मात्रा में पानी डाल दें। ध्यान रहे अधिक पानी न डालें, क्योंकि एस्टर के पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
  • एस्टर के पौधा को मध्यम धूप में रखें, क्योंकि इन्हें ज्यादा ठंडी पसंद नहीं होते है। परंतु अधिक धूप भी न लगे। एस्टर के पौधा के लिए सबसे अच्छा 22-26°C तापमान होता है।
  • बीज लगाने के एक से दो सप्ताह के बीच अंकुरित हो जाएगी।

एस्टर के पौधे की देखभाल कैसे करें – Aster Plant Care

एस्टर के पौधे की देखभाल करने के लिए निम्न बातो का ध्यान रखना आवश्यक है, जो नीचे निम्न है:-

  • इस पौधे को जिस भी गमले में लगाए उसमें कम से कम पानी निकलने के लिए जगह होनी चाहिए।
  • एस्टर के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इसमें कम पानी डालें नही तो पौधा खराब (सड़) सकती है।
  • एस्टर के पौधा को ऐसे स्थान पर रखे अच्छी मात्रा में सूर्य प्रकाश (धूप) आती हों।
  • एस्टर पौधा के पत्तियों का खास ध्यान रखें अगर इनमें फंगस या कीड़े लग गए हो तो उचित मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाली कीटनाशक का छिड़काव करें।
  • अगर पौधा की शाखाएं बढ़ जाए उसकी प्रोनिंग (काटकर हटाना) जरूर करें। जिससे अधिक शाखाएं निकलती है परिणामस्वरूप अधिक फूल की उपज होंगी।
  • ठंडी के मौसम में कम से कम पानी का छिड़काव करें।
  • अगर एस्टर पौधा की पत्तियां खराब हो रही हो तो नीम आयल के स्प्रे का उपयोग कर सकते है, जिससे पत्तियां खराब होने से बच सकती है।

FAQs (Aster Flower in Hindi से जुड़े)

Q. एस्टर का पौधा कब लगाएं?

A – एस्टर का पौधा लगाने का सबसे सही वक्त जनवरी से तेकर फरवरी महीने के बीच होती है।

Q. एस्टर फूल को हिंदी में क्या कहते हैं?

A – एस्टर (Aster) फूल को हिंदी में तारक पुष्प कहते है।

Q. एस्टर किस प्रकार का फूल है?

A – एस्टर एक बारहमासी फूल है, जिसकी उपज सालों भर की जाती है।

Q. एस्टर फ्लावर को संस्कृत में क्या कहते हैं?

A – एस्टर फूल को संस्कृत मे मुण्डि कहते है।

Q. एस्टर का पौधा का वैज्ञानिक (वानस्पतिक) नाम क्या है?

A – एस्टर का पौधा का वैज्ञानिक (वानस्पतिक) नाम Symphyotrichum है।

Conclusion

तो दोस्तो हमें उम्मीद है, हमने जो आपको एस्टर फूल की समान्य जानकारी, एस्टर फूल की विभिन्न किस्में एवं प्रजातियों की जानकारी, एस्टर फूल का उपयोग, एस्टर फूल के बीज लगाने की विधि एवं एस्टर फूल की देखभाल कैसे करें इसकी जानकारी (Information about Aster Flower in Hindi) दी है वो आपको पसंद आई होगी।

अगर आपको Aster Flower in Hindi लेख पसंद आई हो तो इसे दोस्तो एवं परिवार के साथ शेयर जरूर करें। ताकी वो भी एस्टर फूल (Aster Flower) के बारे मे अधिक से अधिक जानकारी जान पाए।

यदि आपका इस एस्टर फूल की संपूर्ण जानकारी (Aster in Hindi) आर्टिकल से संबंधित कुछ सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Leave a Comment