Brahma Kamal Information in Hindi – ब्रह्म कमल फूल की संपूर्ण जानकारी

नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में हम ब्रह्म कमल फूल की संपूर्ण जानकारी (Brahma Kamal in Hindi) आपके साथ साझा करेंगे। दोस्तों, ब्रह्म कमल (Brahma Kamal Flower) बहुत ही दुर्लभ फूल है, जो हिमालय की ऊंची चोटियों पर पाई जाती है।

अगर आप ब्रह्म कमल फूल के बारे मे अधिक जानना चाहते है जैसे ब्रह्म कमल की उत्पत्ति कैसे हुई, ब्रह्म कमल का पौधा लगाने की विधि, ब्रह्म कमल पौधे की देखभाल कैसे करें, ब्रह्म कमल के फायदे आदि। तो आप सही जगह पर आए है। इस (Brahma Kamal in Hindi) लेख को अंत तक जरूर पढ़े। हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आयेगा।

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ब्रह्म कमल की जानकारी – Brahma Kamal Information in Hindi

ब्रह्म कमल (Brahma Kamal) कमल फूल के विभिन्न प्रजातियों में सबसे दुर्लभ है। जो हिमालय के ऊंचे शिखरों पर पाया जाता है, इसलिए इसे हिमालयी फूलों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। ब्रह्म कमल फूल का वानस्पतिक नाम Saussurea Obvallata है। ब्रह्म कमल वैसे तो पूरे देश मे पाया जाता है लेकिन यह फूल मुख्य रूप मे हिमालय पर्वत वाले राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पाया जाता है।

ब्रह्म कमल का अर्थ ‘ब्रह्मा का कमल’ होता है। ब्रह्म कमल दिखने मे तारा की तरह होता है, जो बहुत ही आकर्षक होते है। ब्रह्म कमल की गंध बहुत तेज (कड़वी) होती है। ब्रह्म कमल फूल की विश्व मे 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियां मौजूद है। जिनमे से करीब 50 प्रजाति भारत मे है, उनमें से 30 से अधिक प्रजाति हिमालय पर पाया जाता है। भारत के लोग इस कमल को बहुत पवित्र मानते है।

ब्रह्म कमल (Brahma Kamal) का फूल रात को 9 से 1 बजे के बीच खिलते है, वो भी केवल एक रात तक ही रहता है। ब्रह्म कमल के पौधो की ऊंचाई 75-80 cm तक होती हैं। इस फूल का रंग मुख्यतः सफेद, गुलाबी, लाल एवं बैंगनी होते है।

ब्रह्म कमल के फूल वर्ष मे सिर्फ अगस्त और सितंबर के महिने में ही खिलते है। यह फूल विश्व मे सबसे अधिक भारत, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, अफगानिस्तान जैसे देशों में होते हे। इस फूल को अलग अलग जगहों पर अलग अलग नामों से जाना जाता है जैसे रात में खिलने वाली रानी, जंगल कैक्टस, कडफुल, दुधफुल आदि।

ब्रह्म कमल सबसे अधिक उत्तराखंड राज्य मे पाया जाता है, इसलिए इस फूल को उत्तराखंड का राज्यकीय फूल घोषित किया गया है। इस फूल को खिलते हुए देखना बहुत ही कठिन है, लेकिन अगर कोई देख ते तो उसकी भाग्य बदल जाता है।

Brahma Kamal In Hindi
Brahma Kamal Image

ब्रह्म कमल फ्लावर के बारे में मुख्य जानकारी – Brahma Kamal in Hindi

वानस्पतिक नाम Saussurea Obvallata
सामान्य नाम ब्रह्म फूल
फूल खिलने का समय रात 9-1 के बीच
फूल खिलने का महीना अगस्त-सितंबर
ब्रह्म कमल के पौधों की ऊंचाई 75-80 cm
फूल का रंग सफेद, गुलाबी, लाल, बैंगनी
मुख्य उत्पादक देश भारत, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, अफगानिस्तान

कमल फूल के प्रकार (प्रजातियां)

कमल फूल के विश्व मे सैकड़ो विभिन्न प्रजातियां है, लेकिन पुराणों में कमल के चार प्रजातियों का जिक्र है जिनके नाम नीचे निम्न हैं:-

  • नीलकमल
  • कस्तूरबा कमल
  • ब्रह्म कमल
  • फेन कमल

ब्रह्म कमल की उत्पत्ति कैसे हुई

ब्रह्म कमल की उत्पत्ति से जुड़ी एक पौराणिक मान्यता है, जिसके अनुसार भगवान विष्णु जब 1000 ब्रह्म कमल लेकर हिमालय पर्वत पर आए महादेव को अर्पित करने के लिए तब उसमें से एक फूल कम हो गया तब भगवन विष्णु ने फूल के रुप में अपनी एक आंख महादेव को समर्पित कर दी थी। जो आंख बिलकुल ब्रह्मा जी के कमल जैसा था। इस प्रकार ब्रह्म कमल की उत्पत्ति हुई।

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ब्रह्म कमल की विशेषता

ब्रह्म कमल बहुत उपयोगी फूल है जिसमें अनेक प्रकार की विशेषताएं है। अन्य कमल पानी, कीचड़ या पानी के आस-पास उत्पन्न होते है, परंतु यह उनसे विपरीत जमीन पर उगती है। इस फूल की 31 ऐसी प्रजातियां जिसका उपयोग कई तरह के उपचार में किया जाता है।

इस फूल के चिकित्सकीय प्रयोग के रूप मे 170 से भी अधिक वैज्ञानिक फार्मुला पाए गए हैं। यह फूल अन्य कमल विपरीत सिर्फ कुछ समय के लिए ही खिलते है वो भी मध्यरात्री में। यह इसकी सबसे बड़ी विशेषता थी। ब्रह्म कमल एकमात्र ऐसी कमल की फूल है जो सिर्फ रात्रि के समय ही खिलता हैं।

​ब्रह्म कमल का धार्मिक महत्व एवं मान्यताएं

  • कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म कमल की पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं। जिसे अगर कोई व्यक्ति पी ले तो उसकी थकान मिट जाती है।
  • हिंदू धर्म को मानने वालो के अनुसार अगर ब्रह्म कमल फूल को महादेव पर चढ़ाया जाए तो इससे वे तुरंत प्रसन्न होते हैं।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म कमल जीवन देने वाला पुष्प भी माना जाता है, क्योंकि यह वही फूल है जिस पर महादेव ने जल छिड़क कर अपने पुत्र गणेश जी को जीवित किया था।
  • ब्रह्म कमल को देवी-देवताओं का फूल माना जाता है, क्योंकि इस पुष्प कई देवी-देवता इस फूल को धारण करते है। इसलिए अगर इस फूल को भगवान को अर्पित की जाए तो वो प्रसन्न हो जाते है।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार है इस फूल को माता नंदा का प्रिय फूल माना जाता है। इसलिए इसे नंदा अष्टमी में तोड़ना शुभ माना जाता है।
  • ब्रह्म कमल के फूल में एंटीसेप्टिक नामक एक तत्व पाया जाता हैं, जो घावों को भरने में सहायता करता है।
  • नना है कि अगर कोई अपने घर में ब्रह्म कमल का पौधा लगाए तो उससे उसके घर कभी धन-संपदा की कमी कभी नही होती और हमेशा खुशहाली बनी रहती है।

ब्रह्म कमल के फायदे और उपयोग – Brahma Kamal Uses

ब्रह्म कमल फूल के निम्न फायदे और उपयोग है। जो निचे निम्न हैः-

  1. ब्रह्म कमल के फूल में एंटीसेप्टिक नामक एक तत्व पाया जाता हैं, जो घावों को भरने में सहायता करता है।
  2. इस फूल में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट (फ्लेवोनोइड्स, एल्कलॉइड, सैपोनिन्स) मौजूद होते है, जो मनुष्य के तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रखने मे सहायता करता है।
  3. ब्रह्म कमल के फूल में ज्वरनाशक तत्व होते है, जो बुखार के इलाज में बहुत उपयोगी होते है।
  4. ब्रह्म कमल के फूल एवं उसके पत्ते में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल तत्व होते है, जो श्वसन मार्ग मे होनेवाली माइक्रोबेस को रोकती है परिणामस्वरूप खांसी और सर्दी को रोकने मे सहायता करती है।
  5. पुराने इलाज पद्धति के अनुसार सांप के काटने पर इसका उपयोग किया जाता है।
  6. इस फूल में बहुत से ऐसे तत्व होते है जिससे हम प्लेग, हृदय, लिवर, मलेरिया, रक्तस्राव जैसे कई बीमारीयों से बच सकते है।
  7. ब्रह्म कमल को अगर काढ़ा के रूप में इस्तेमाल की जाए तो उससे पेट संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

ब्रह्म कमल का पौधा लगाने की विधि – Brahma Kamal Plant

ब्रह्म कमल के पौधा को घर मे या उसके आस-पास लगाना बहुत कठिन है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति लगाना चाहता है, तो उन्हें निम्न तरीके से ब्रह्म कमल के पौधा लगाना चाहिए :-

  • ब्रह्म कमल के पौधा लगाने के लिए सर्वप्रथम एक अच्छी गुणवत्ता वाली इस पौधा की पत्ती ले। उसके बाद पौधा लगाने के लिए गमला या ग्रो बैग मे से किसी एक का उपयोग करे।
  • उसके बाद अच्छी गुणवत्ता एवं अच्छी PH वाली मिट्टी का उपयोग करे। उसके बाद उसमें गोबर एवं खाद मिलाकर तैयार करें।
  • उसके बाद आधा से ज्यादा गमला मिट्टी से भर दें। उसके बाद ब्रह्म कमल की पत्ती को रोप दे, उसके बाद मिट्टी से गमला को भर दें। ध्यान रहे ब्रह्म कमल की पत्ती कम से कम 5 इंच की गहराई मे जरूर रहें।
  • पौधा लगाने के बाद उस गमले या ग्रो बेग में पानी डाल दें।
  • इसके बाद जिस गमले मे पौधा लगाया उसको ऐसे स्थान पर रख दें, जहां सूर्य की किरण सीधी ना आती हो। क्योंकि ब्रह्म कमल की विकास ठन्डे स्थान पर अच्छी तरह होता है।
  • पत्ती लगाने के लगभग 4 से 5 सप्ताह के बाय उन पत्तियों मे से जड़े निकलना प्रारंभ हो जाएंगी।
  • उसके बाद इन्हें कम मात्रा मे पानी दें, क्योंकि इन्हे कम पानी की आवश्यकता होती है।

ब्रह्म कमल पौधे की देखभाल कैसे करें – Brahma Kamal Plant Care

वैसे तो ब्रह्म कमल के पौधे को अधिक देखरेख करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन निम्न बातो का ध्यान रखना आवश्यक है, जो नीचे निम्न है:-

  • ब्रह्म कमल के पौधे की पत्तियों पर कीड़े लगने की संभावना होती है। अगर कीड़े लगे तो कीटनाशक दवाई का उपयोग करना चाहिए।
  • जितना हो सके ब्रह्म कमल के पौधे को धूप से बचाए, क्योंकि इन्हें छाया पसंद है। और धूप मे खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • ब्रह्म कमल को अन्य फूलों की तरह अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। तो जरूरत के अनुसार ही पानी गमला मे डालें। अधिक पानी डालने से जड़ सड़ सकती है।
  • अधिक मात्रा मे खाद या कीटनाशकों का उपयोग न करें।
  • फूल आने के बाद बिलकुल ही खाद का प्रयोग बंद कर दें।

ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम

ब्रह्म कमल हिंदु धर्म मानने वालो के लिए बहुत ही पवित्र पुष्प है जिसे ब्रह्मा जी का कमल नाम से जाना जाता हैं। वर्ष मे सिर्फ एक नन्दाष्ठमी का दिन ही ऐसा है जब इस फूल को तोड़ना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नंदा देवी का प्रिय फुल है। अन्य दिन इस फूल को तोड़ने पर सख्त नियम हैं।

FAQs (Brahma Kamal in Hindi से जुड़े)

ब्रह्मकमल के फूल रात में ही क्यों खिलते हैं?

A – ब्रह्मकमल के फूल को अगर अधिक धूप लगे तो वो खराब हो सकते है। इसलिए वो ठंडी क्षेत्र मे अधिक पाया जाता है। यही कारण है कि यह ब्रह्मकमल के फूल रात में खिलते हैं।

ब्रह्म कमल एक साल में कितनी बार खिलता है?

A – ब्रह्म कमल वर्ष में सिर्फ 1 बार (अगस्त से अक्टूबर) के बीच खिलता है, वो भी रात्री को 10 से 1 बजे के बीच।

ब्रह्म कमल कहाँ पाया जाता है?

A – ब्रह्म कमल मुख्य रूप से हिमालय वर्ती राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश मे पाया जाता है।

ब्रह्म कमल किस राज्य का राजकीय पुष्प है?

A – ब्रह्म कमल उत्तराखंड राज्य का राजकीय पुष्प है।

ब्रह्म कमल की विशेषता क्या है?

A – ब्रह्म कमल की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि अन्य कमल की फूल पानी में उगते है ये जमीन पर उगते है। इसके अलावा यह सिर्फ रात को ही खिलते है।

ब्रह्म कमल घर में लगाने से क्या होता है?

A – पौराणिक मान्यता के अनुसार अगर कोई ब्रह्म कमल को घर में लगाए तो उसके घर मे सुख-संपदा, शांति में वृद्धि होती है एवं ईश्वर का निवास घर मे होती हैं।

Conclusion

तो दोस्तो हमें उम्मीद है, हमने जो आपको ब्रह्म कमल लगाने की विधि, ब्रह्म कमल की उत्पत्ति कैसे हुई, ब्रह्म कमल की विशेषता, ​ब्रह्म कमल का धार्मिक महत्व एवं मान्यताएं, ब्रह्म कमल के फायदे और उपयोग, ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम एवं ब्रह्म कमल फूल की देखभाल कैसे करें इसकी जानकारी (Brahma Kamal Information in Hindi) दी है वो आपको पसंद आई होगी।

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